चाँद की परी

hindi kahani story

एक समय की बात है, दूर गाँव में चंद्रमा की रोशनी में नहाया एक झील किनारे एक बूढ़ी अम्मा का घर था। उनके घर के आँगन में एक बड़ा आम का पेड़ था, जिसके नीचे बच्चे खेला करते थे। अम्मा को खूब सारी कहानियाँ याद थीं जो वह बच्चों को सुनाया करती थीं।

एक रात, जब आसमान पूरे चाँद से जगमगा रहा था, अम्मा ने सभी बच्चों को आम के पेड़ के नीचे इकट्ठा होने के लिए कहा। वह बोलीं, "शांत हो जाओ बच्चो, आज मैं तुम्हें एक बहुत ही प्यारी कहानी सुनाने जा रही हूँ।"

सभी बच्चे उत्सुकता से अम्मा के चारों ओर बैठ गए। अम्मा ने कहानी शुरू की: "बहुत समय पहले, इसी चाँदनी रात में चाँद की एक परी जमीन पर उतरी थी। उसकी चमकती पोशाक और झिलमिलाते पंख देखकर हर कोई मोहित हो जाता था। परी ने हर घर में जाकर खुशियों का संदेश दिया।"

बच्चों की आंखों में जिज्ञासा और चमक आ गई। अम्मा जारी रखीं, "परी हर रात आती और गाँववालों को सिखाती कि वे अपने दिल में उम्मीद और सपने कैसे जीवित रखें। फिर एक दिन, परी ने एक झील में अपने प्रतिबिंब को देखा और सोचा कि उसका असली घर कहाँ है।"

"क्या परी वापिस चाँद पर चली गई, अम्मा?" एक छोटी बच्ची ने पूछा।

अम्मा मुस्कुराईं और बोलीं, "हाँ बेटा, वो वापस चली गई, लेकिन उसने गाँववालों को एक प्यार भरा संदेश छोड़ गई। उसने बताया कि हमें हमेशा उम्मीद रखनी चाहिए और दूसरों के लिए प्यार और खुशियां बाँटते रहना चाहिए।"

"तो क्या हमें भी चाँद की परी की तरह बनना चाहिए?" एक लड़के ने उत्सुकता से पूछा।

"बिलकुल," अम्मा ने जवाब दिया, "हर एक के दिल में एक चाँद की परी का वास होना चाहिए। अपने अंदर की परी को जगाओ और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाओ।"

अम्मा की बातें सुनकर बच्चे खुश हो गए और उन्होंने ठान लिया कि वे भी अपने अंदर की परी को जगाऐंगेऔर हर दिन अच्छे काम करेंगे।

कहानी खत्म होने के बाद, चाँद की चांदनी और भी ज्यादा चमकने लगी मानो चाँद भी उनकी बातों से सहमत हो।

यह कहानी न सिर्फ बच्चों को मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि उन्हें यह भी सिखाती है कि हमारे छोटे-छोटे कार्य भी इस दुनिया को सुंदर बना सकते हैं।

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